Madhu varma

Add To collaction

लेखनी कविता -बच्चे - बालस्वरूप राही

बच्चे / बालस्वरूप राही


हम हैं नन्हें-मुन्ने बच्चे,
सीधे-सादे, भोले, सच्चे।
भेद-भाव का नाम नहीं हैं,
झगड़ा करना काम नहीं है।

बोलेगे जयहिंद ज़ोर से,
गुंजेगा आकाश शोर से।
कदम मिलाकर साथ चलेंगे,
हम सबसे आगे निकलेंगे।

   0
0 Comments